मिल व विभाग की जॉइंट एक्शन टीम द्वारा तत्काल नियंत्रण की पहल।
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। नंगलामल चीनी मिल के अंतर्गत ग्राम नंगलामल, रछौती, जसौरी एवं मुण्डाली में गन्ना फसल की स्थिति का फील्ड निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण उप गन्ना आयुक्त मेरठ राजीव राय के नेतृत्व में किया गया, जिसमें विभागीय अधिकारी एवं चीनी मिल प्रबंधन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
निरीक्षण के दौरान 8 चयनित प्लॉटों (कुल 2.513 हे०) में रेड रॉट, पोका बोईग एवं चोटी बेधक कीट के आंशिक आपतन का 18 कलंप का निरीक्षण किया गया। यह रोग एवं कीट गन्ने की उपज, शर्करा प्रतिशत एवं भविष्य के उत्पादन चक्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, यदि समय रहते नियंत्रण न किया जाए।
उप गन्ना आयुक्त ने निर्देश दिए
1. रेड रॉट जैसी फफूंदी जनित बीमारी पर सतत और ब्लॉक-वार निगरानी अनिवार्य की जाए।
2. संक्रमित कलम्प को उखाड़कर बैग में डालकर खेत से बाहर नष्ट किया जाए।
3. संक्रमण स्थल पर ब्लीचिंग पाउडर डालकर मिट्टी से पूरी तरह बंद किया जाए।
4. यदि संक्रमण का प्रतिशत अधिक हो, तो थियोफैनेट मिथाइल 70% WP का समुचित मात्रा में छिड़काव किया जाए।
उप गन्ना आयुक्त द्वारा बताया कि अब तक के सर्वेक्षण में 20 प्लॉटों में कुल 57 कलम्प रेड रॉट से ग्रसित पाए गए, जिनका प्रभावित क्षेत्रफल लगभग 5.953 हे० है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि यद्यपि रोग का प्रसार सीमित है, लेकिन यदि प्रभावी नियंत्रण उपाय तत्काल न किए गए तो यह अगले फसल चक्र में गंभीर चुनौती बन सकता है। रेड रॉट गन्ना फसल की सबसे विनाशकारी बीमारियों में से एक है, जो उपज को 30-70% तक कम कर सकती है। पोका बोईग व चोटी बेधक कीट की उपस्थिति दर्शाती है कि कीट प्रबंधन कार्यक्रम को और सघन बनाने की आवश्यकता है।
भ्रमण के दौरान ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक मेरठ, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नंगलामल, महाप्रबंधक (गन्ना), उप महाप्रबंधक (गन्ना) एवं फील्ड स्टाफ उपस्थित रहे। इस संयुक्त प्रयास का उद्देश्य किसानों को समय पर तकनीकी मार्गदर्शन देना एवं गन्ना उत्पादन की गुणवत्ता एवं मात्रा को सुरक्षित रखना है।
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