Monday, July 7, 2025

पुरस्कार और प्रमाण पत्र पाकर खिल उठे प्रतिभागियों के चेहरे

 



-कार्यशाला के भव्य समापन में कलाकारों को किया गया सम्मानित

नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग में राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश एवं संस्कृति प्रभार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित "20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन चित्रकला कार्यशाला" के समापन समारोह में प्रतिभागियों, कला प्रशिक्षकों एवं कलाकारों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।


समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर संगीता एवं बतौर अति विशिष्ट अतिथि प्रति कुलपति प्रोफेसर कुमार गुप्ता, लोक कलाकार डॉ. मधु बाजपेई द्वारा "20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन चित्रकला कार्यशाला'" के दौरान प्रतिभागियों द्वारा बनाए गए कलाकृतियों को देखकर प्रशंसा की। समापन समारोह के प्रात कालीन सत्र में राज्य ललित कला अकादमी के सदस्य, प्रख्यात चित्रकार एवं शिक्षाविद डॉ. दुर्जन सिंह राणा द्वारा "लाइव पोर्ट्रेट डेमोंसट्रेशन" के अंतर्गत बहुत ही अल्प समय में डॉ. शालिनी धामा का बहुत ही सुंदर और संजीव पोट्रेट बनाया गया। जिसे देखकर सब मंत्र मुक्त हो गए। आर्टिस्ट डॉ. दुर्जन सिंह राणा ने पोट्रेट बनाने की बनाने की विधि के ऊपर व्याख्यान भी प्रस्तुत किया। जिसके लिए उन्हें मंच से पटका पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर मुख्य अतिथियों द्वारा सम्मानित भी किया गया।


प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया

इस दौरान कार्यशाला के अंतर्गत विद्यार्थियों को कला प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों को भी प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया, जिसमें आर्टिस्ट दीपांजलि, विनीत गुप्ता, डॉ. ऋषिका पांडे, डॉ. मधु बाजपेई, शिप्रा शर्मा को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि कला विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए फाइल फोल्डर, जूट एवं हैंडलूम के बैग पर की गई चित्रकारी, पट्ट चित्र, तंजौर शैली तथा मधुबनी एवं वर्ली पेंटिंग, कला विद्यार्थियों की प्रतिभा का उत्कृष्ट नमूना है।


100 से अधिक कला विद्यार्थी लाभान्वित हुए

कार्यक्रम की समन्वयक प्रोफेसर अलका तिवारी ने बताया कि कार्यशाला में मोदीनगर, गाजियाबाद, हापुड़, मुजफ्फरनगर, बड़ौत, बागपत, बुलंदशहर, मेरठ आदि अनेक स्थानों से कलाकारों ने भाग लेकर विभिन्न विधाओं में कला प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया। 100 से भी अधिक कला विद्यार्थी लाभान्वित हुए। कार्यशाला की आयोजन में डॉ. पूर्णिमा वशिष्ठ, डॉ. शालिनी, आर्टिस्ट दीपांजलि, खालिद, आकाश, डॉ. रीता सिंह का विशेष सहयोग रहा।

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