Wednesday, July 16, 2025

शोभित विश्वविद्यालय में नौ दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का सफल समापन


डॉक्टर अभिषेक डबास 
नित्य संदेश, मेरठ। शोभित डीम्ड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग एंड लाइफ साइंसेज द्वारा संचालित नौ दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन 7 से 15 जुलाई तक किया गया। 

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अभिनव (महावीर कैंसर संस्थान, पटना) द्वारा पर्यावरण विष विज्ञान की निगरानी और इसके जनस्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर व्याख्यान से हुई। प्रोफेसर (डॉ.) रेखा दीक्षित (सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ) ने फसल सुधार के लिए क्रिस्पर -कैस9 आधारित जीनोम एडिटिंग पर व्याख्यान दिया। डॉ. कुमार गौरव (एमिटी विश्वविद्यालय, हरियाणा) ने सतत जैव ईंधन उत्पादन में चुनौतियाँ और नवाचार विषय पर चर्चा की।डॉ. अनीता कुमारी (केंद्रीय विश्वविद्यालय, हरियाणा) ने गैर-संचारी रोगों की रोकथाम हेतु आहार प्रबंधन और रणनीतियों पर व्याख्यान दिया। डॉ. अमित धीर (थापर विश्वविद्यालय, पटियाला) ने थापर मॉडल के बारे में बताया, जो जल अपशिष्ट उपचार के लिए विकेन्द्रीकृत दृष्टिकोण तथा जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित था। डॉ. तेजपाल धेवा (केंद्रीय विश्वविद्यालय, हरियाणा) ने स्वयं और स्वयं प्लस प्लेटफार्म के माध्यम से भारत की हालिया ई-लर्निंग पहलों पर जानकारी दी। डॉ. रंजना पांडेय (शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा) ने खाद्य उद्योग पर जैव प्रौद्योगिकी के प्रभाव पर व्याख्यान दिया।कार्यक्रम का समापन डॉ. नीलेश कपूर (सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ) के सतत कृषि के लिए नैनो उर्वरकों के नवीन दृष्टिकोण विषयक व्याख्यान के साथ हुआ। इस सत्र का उद्देश्य शिक्षकों को नवीनतम शोध एवं औद्योगिक प्रौद्योगिकियों से अवगत कराना था ताकि वे छात्रों को भी इस दिशा में प्रेरित कर सकें।

इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन सत्र में विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर जयानंद ने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों को ऐसे वैज्ञानिक मंच से जुड़ने के लिए बधाई दी और ज्ञान के आदान-प्रदान हेतु फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की आवश्यकता बेहद जरूरी है ।
कार्यक्रम के दौरान स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड लाइफ साइंसेज के निदेशक प्रोफेसर दिव्या प्रकाश ने इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम शिक्षण और अनुसंधान के नए दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। 

एफडीपी समन्वयक रुपेश कुमार ने सभी विशेषज्ञ वक्ताओं, प्रतिभागियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभिन्न संकाय सदस्य, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. संजुक्ता, डॉ. मोनिका चौधरी , प्रियांक भारती, अविताज, सोनिया और मानसी उपस्थित रहे और अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को प्रभावशाली बनाया।

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