नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। सनातनी होना गर्व की
बात है और विरासत में मिली आस्था हमें प्राचीन भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने का
माध्यम है। देदूपुर की बिटिया अर्चना शर्मा एसडीएम हैं। वह इस वर्ष दूसरी बार
कांवड़ लाई हैं। उन्होंने दसवीं में पास होने के लिए भोले बाबा से आशीर्वाद मांगा
था। साथ ही पूरा होने पर कांवड़ लाने की मन्नत मांगी थी। वह अपने पिता व मामा के
साथ कांवड़ लेकर हरिद्वार से पैदल मंगलवार शाम गांव के शिवालय पहुंचीं। बुधवार को
उन्होंने जलाभिषेक किया।
मवाना के गांव देदूपुर में किसान विनोद शर्मा के परिवार में पांच बेटी और दो
बेटे हैं। सबसे बड़ी अर्चना की प्राथमिक शिक्षा गांव के परिषदीय स्कूल में हुई।
पास में ही रहावती गांव के इंटर कालेज से वर्ष 1998 में दसवीं और 2000 में 12वीं परीक्षा पास की।
अर्चना ने दसवीं में पास होने पर कांवड़ लाने का संकल्प लिया। वर्ष 2012 में पीसीएस की परीक्षा
पास कर ली। सूबे में 36वीं रैंक मिली। पहली
तैनाती वर्ष-2023 में डिप्टी कलक्टर के
रूप में अमरोहा में हुई। उसके बाद दूसरी तैनाती जनपद शामली में एसडीएम पद पर हुई।
वह वर्तमान में एसडीएम न्यायिक कैराना हैं।
वर्ष 2017 में पहली बार कांवड़
लाईं
अर्चना ने बताया कि संकल्प के तहत वर्ष 2017 में वह पहली बार पिता व स्वजन के साथ कांवड़ लाईं। उसके बाद शादी हो गई और
बच्चे के कारण सात साल कांवड़ लाने का मौका नहीं मिला। इस वर्ष मन बनाया और पिता, मामा उपेंद्र शर्मा
(खतौली) और दो ममेरे भाइयों के साथ 19 जुलाई को हरिद्वार से कांवड़ उठाई। मंगलवार शाम वह गांव के शिवालय पहुंचीं। अर्चना शर्मा बताती हैं
कि वह पांच बहनें और दो भाई हैं। जिसमें उसकी एक छोटी बहन कल्पना शर्मा जिला
पंचायत में क्लर्क हैं। एक बहन शिक्षिका और एक म्यूजिक सिखाती हैं। दो छोटे भाई
प्रशांत शर्मा सीआइएसएफ में इंस्पेक्टर हैं और विक्रांत जीएसटी विभाग में है।
अर्चना की शादी वर्ष 2018 में गाजियाबाद निवासी
चार्टेड अकाउंटेंट मोहित शर्मा से हुई। दो बेटे अर्चित और राघव हैं।
सोर्स: जागरण.कॉम
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