-परिवार को सांत्वना देने
पहुंचें डीएम एवं एसडीएम दीक्षा जोशी
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। मेरठ कलक्ट्रेट में
तैनात एक सीनियर क्लर्क ईशांत सिंह की बाथरूम में नहाते-नहाते मौत हो गई। उसने जैसे
ही अपने ऊपर मग से पानी डाला, दर्द से कराहते हुए फर्श पर गिर गए। पत्नी ने पड़ोसियों
की मदद से बाथरूम का दरवाजा खुलवाया। ईशांत अपने सीने को पकड़े तड़प रहे थे। पत्नी से
बोले, मेरे सीने में तेज दर्द हुआ और गिर गया। परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां
डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही डीएम डॉ. वीके सिंह और एसडीएम
दीक्षा जोशी परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।
ईशांत 8 दिन बाद 22 जुलाई
को अपना 30वां बर्थडे मनाने वाले थे। 5 साल पहले उनकी शादी हुई थी। 29 जून को उन्होंने
शादी की 5वीं सालगिरह मनाई थी। ईशांत कलक्ट्रेट में इंग्लिश रिकॉर्ड कीपर विभाग में
तैनात थे। उनकी अचानक मौत से पूरा परिवार टूट गया है। माता-पिता की पहले ही मौत हो
चुकी थी। मां की जगह ईशांत को नौकरी मिली थी। अब घर में अकेली पत्नी बची है। उसका रो-रोकर
बुरा हाल है। ईशांत सिंह सदर तहसील के पीछे स्टाफ क्वार्टर में अपनी पत्नी प्रेरणा
के साथ रहते थे। रविवार रात उनके सीने में दर्द हुआ। पत्नी प्रेरणा पड़ोसियों की मदद
से डॉक्टर के पास लेकर गईं। डॉक्टर ने मामूली दर्द बताकर दवा दे दी। इसीजी भी कराई
गई थी। ईशांत घर लौट आए। सोमवार सुबह करीब 7 बजे वह बाथरूम नहाने गए। ईशांत ने जब अपने
ऊपर पानी डाला, वैसे ही उनके सीने में तेज दर्द उठा। वह दर्द से चीख पड़े और बाथरूम
के फर्श पर गिर गए। पत्नी दौड़कर बाथरूम पहुंची। मगर दरवाजा अंदर से बंद था। प्रेरणा
की चीख सुनकर पड़ोसी भी आ गए। उन्होंने तेज धक्का देकर दरवाजा खोला। देखा कि ईशांत फर्श
पर नीचे पड़े थे। दर्द से कराह रहे थे। ईशांत ने सीने में तेज दर्द होने की बात कही।
पत्नी पड़ोसियों की मदद से करीब 2 किमी दूर मेट्रो हॉस्पिटल लेकर गई। यहां हार्ट डॉक्टर
न होने पर वह ईशांत को लेकर सुशीला जसवंतराय अस्पताल पहुंची। यहां डॉक्टर ने ईसीजी
की। इसके बाद ईशांत को मृत घोषित कर दिया। ईशांत की मौत की खबर सुनते ही पत्नी प्रेरणा
अस्पताल में ही बेसुध हो गईं। वह ईशांत के शव से लिपटकर जोर-जोर से रोने लगीं।
पांच साल पहले हुई थी शादी,
नहीं कोई बच्चा
ईशांत की बहन शालिनी पल्लवपुरम
फेज-2 में रहती हैं। उनके पति करेंसी एक्सचेंज का काम करते हैं। शालिनी ने बताया, मेरे
भाई की शादी पांच साल पहले 29 जून को प्रेरणा के साथ हुई थी। अभी उनका कोई बच्चा नहीं
था। हाल ही में भाई-भाभी ने अपनी पांचवी एनिवर्सरी धूमधाम से मनाई थी। 22 जुलाई को
उसका 30वां बर्थडे था। सुबह प्रेरणा भाभी ने मुझे फोन किया। मुझसे कहा, ईशांत के सीने
में दर्द हो रहा है। मैं फोन पर सुन रही था कि मेरा भाई जोर-जोर से दर्द से चीख रहा
था। मैं तुरंत अस्पताल पहुंची, मगर तब तक मेरे भाई की डेथ हो चुकी थी। शालिनी ने बताया,
मेरे पिता अशोक कुमार सोलानिया की भी हार्ट अटैक से मौत हुई थी। वह रोडवेज में कार्यरत
थे। जब ईशांत 8-10 वर्ष के थे, तब पिता की मौत हो गई थी। मम्मी की स्वाइन फ्लू से मौत
हो गई थी। मम्मी की जगह मृतक आश्रित कोटे में भाई को जॉब मिली थी।
सोर्स: भास्कर डिजीटल
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