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Monday, June 30, 2025

जेसीबी में आया करंट, चपेट में आकर कई कर्मचारी झुलसे, एक की मौत

 


नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। क्रेन में करंट उतरने से ड्राइवर की मौत हो गई। तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गए। सोमवार सुबह समर गार्डन में 12 बजे मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की टीम अवैध कालोनी में लगे बिजली के खंभों को हटाने पहुंची थी, तभी मेडा की जेसीबी मशीन अचानक कालोनी के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से टच हो गई। घटना लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र की है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से झुलसे कर्मचारियों को हॉस्पिटल पहुंचाया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। हादसे के बाद मेडा के कर्मचारी और अधिकारी मौके से फरार हो गए।

मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के समर गार्डन में मदीना फेज-2 की अवैध कालोनी में लगे बिजली के खंभों को हटाने पहुंची थी। मेडा ने बिजली विभाग में भी इसकी सूचना नहीं दी थी। बिना शटडाउन लिए ही टीम ने खंभे हटाना शुरू कर दिया था। मौके पर क्रेन लेकर ड्राइवर छोटेलाल और हेल्पर गया प्रकाश आया था। काम करने के दौरान अचानक 11 केवी की लाइन से जेसीबी मशीन टच हो गई। छूते ही पूरी क्रेन में करंट दौड़ गया। हेल्पर गया प्रकाश तुरंत उतरकर भाग गया। वहीं ड्राइवर छोटेलाल की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना घातक था कि ड्राइवर छोटेलाल क्रेन पर ही बुरी तरह जला और नीचे गिर गया। उसकी बॉडी जल चुकी थी। आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। लोगों ने छोटेलाल के कपड़ों की तलाशी ली। कपड़े भी जल चुके थे। शरीर भी बुरी तरह झुलस चुका था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसा होते ही मेडा के अधिकारी और कर्मचारी भाग गए। किसी ने ये तक नहीं सोचा कि घायलों को फौरन अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। हम लोगों ने पुलिस को फोन किया। तब शटडाउन हुआ।


बेटा कहता रहा पापा, मेरे पापा

हादसे की सूचना छोटेलाल के परिवार को मिली तो परिवार के लोगों को भरोसा नहीं हुआ। मौके पर छोटेलाल का बेटा दिनेश पहुंचा। दिनेश ने जैसे ही अपने पिता की जली हुई बॉडी देखी वो रो पड़ा। रोते-रोते बेटा दिनेश बार-बार बस यही कह रहा था कि मेरे पापा, मेरे पापा। आसपास खड़े कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने किसी तरह दिनेश को संभाला। छोटेलाल के परिवार में पत्नी शांति है। बेटा दिनेश उसकी पत्नी गीता है। उनके दो बच्चे बेटा आयुष और बेटी किट्‌टू है। छोटेलाल की दो शादीशुदा बेटियां पुष्पा और हेमा हैं।छोटेलाल की डेडबॉडी को पिकअप में रखा गया तो भी बेटा दिनेश बार-बार पिता की लाश की ओर बढ़ने लगा। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उसे संभाला और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।


मेडा कर्मचारियों ने की मुकदमे की मांग

इस हादसे में मेरठ विकास प्राधिकरण के कर्मचारी संगठन और कर्मचारी यूनियन के लोगों ने शोक जताया। कर्मचारियों ने पूरी घटना पर शोक जताते हुए कहा, उन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। जिन्होंने बारिश के मौसम में खंभे, ट्रांसफारमर हटाने और अवैध कालोनी ध्वस्तीकरण का अभियान चलवाया। बारिश में बिजली का काम कराने का आदेश दिया। उसमें भी बिजली विभाग की अनुमति नहीं ली गई, न उसे सूचित किया। अगर बिजली विभाग को सूचित कर मदद ली जाती, तो हादसा नहीं होता।


सोर्स: भास्कर डिजीटल

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