Friday, June 20, 2025

"प्रकृति के महत्व पर ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी का शानदार आयोजन"




नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष में आयोजित "प्रकृति का महत्व" विषय पर एक "ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी " का शानदार व भव्य आयोजन ललित कला विभाग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर संगीता शुक्ला माननीय कुलपति चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा प्रकृति मां के समक्ष दीप प्रज्वलित कर प्रकृति मां की आराधना के साथ किया गया।

प्रोफेसर अलका तिवारी ललित कला विभाग ने बताया कि प्रकृति के महत्व पर आधारित ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी में प्रकृति के विभिन्न स्वरूपों की मनोहारी,सुंदर और प्रेरक प्रस्तुति की गई। पॉलिथीन के प्रयोग न करने का संदेश दिया गया। प्रकृति और पर्यावरण के लिए लाभप्रद सामग्री से बनी वस्तु को प्रयोग में लाने के लिए प्रेरित किया गया।जिसमें जूट और पेपर व कपड़े के बैग तथा पुरानी वस्तुओं को पुनः रीसायकल कर प्रयोग में लाने का संदेश दिया गया। प्रकृति के महत्व पर एक ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी का आयोजन 21 जून 2025 को दोपहर 2:00 बजे तक आम जनता, छात्रों, शोधकर्ताओं और सभी पर्यावरण प्रेमियों के लिए निःशुल्क खुला रहेगा। यह प्रदर्शनी विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा की जा रही है।
      
बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर संगीता शुक्ला जी ने बताया कि प्रकृति के महत्व पर आधारित इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना, पर्यावरणीय चेतना जगाना और वृक्षारोपण व संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा आदर्श गई प्रकृति के पेड़ों के महत्व को तथा मानव द्वारा प्रकृति को पहुंचांये जा रहे नुकसान को पेंटिंग्स ,स्लोगंस ,पोस्टर, झांकियां आदि आदि के माध्यम से बहुत ही प्रेरक तरीके से प्रस्तुत किया। जिसके लिए कल विद्यार्थी बधाई के पात्र है। प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों और पर्यावरणविद से सीधे संवाद करने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर वीरपाल सिंह चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि प्रदर्शनी में, प्रकृति के महत्व, पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ जीवनशैली पर जोर दिया ।पेड़ों के आसपास रहने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। 
प्रोफेसर केके शर्मा समन्वयक साहित्यिक संस्कृत परिषद, अपने उद्बोधन में कहा कि पेड़ पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए अनिवार्य हैं। अगर पेड़ न होते तो जीवन की कल्पना करना मुश्किल होता। पेड़ों के बिना ऑक्सीजन की कमी होती और जीवन की सारी प्रक्रियाएँ प्रभावित हो जातीं। प्रोफेसर राकेश शर्मा ने कहा कि कलाकारों ने सुंदर-सुंदर पेंटिंग्स और इंस्टॉलेशन के द्वारा समझने का प्रयास किया कि पेड़ हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। हमें अपने आसपास के लोगों को भी यह समझाना चाहिए कि पेड़ हमारे लिए कितने अद्भुत हैं और उन्हें बचाने की आवश्यकता क्यों है। पेड़ सचमुच जीवन रक्षक हैं,
 
यह प्रदर्शनी न केवल एक शैक्षणिक गतिविधि है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और पर्यावरण चेतना के संगम का भी प्रतीक है। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति के संरक्षण के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण स्थापित करेगी।
इस अवसर पर प्रोफेसर आराधना गुप्ता डॉ वैशाली पटेल डॉ विवेक त्यागी, प्रेस प्रवक्ता डॉ मितेंद्र प्रवीण पवार , श्री अमरदीप,अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम क्या आयोजन में डॉक्टर शालिनी धामा, खालिद विष्णु डॉक्टर पूर्णिमा वशिष्ठ,दीपांजलि शिल्पी शर्मा शालिनी त्यागी का विशेष योगदान रहा।

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