नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने शेल इंडिया के सहयोग से एक ग्रीन स्किल्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य छात्रों एवं फैकल्टी को ग्रीन एनर्जी और ई-मोबिलिटी में भविष्य के लिए तैयार करना है। दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक के चुनिंदा ओद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) एवं राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में शेल के ट्रेनिंग पार्टनर एड्युनेट फाउन्डेशन द्वारा इस पहल को अंजाम दिया जाएगा।
इस पहल के महत्व पर बात करते हुए जयंत चौधरी (राज्य मंत्री, स्वतन्त्र प्रभार, एमएसडीई और राज्य शिक्षा मंत्री) ने कहा, ‘‘शेल इंडिया के साथ हमारी साझेदारी कौशल को स्थायित्व के अनुरूप बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एवं बड़े पैमाने पर जलवायु नियन्त्रण न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के लिए ज़रूरी हैं बल्कि इनोवेशन, प्रतिभा एवं उद्यमों के माध्यम से भारत के लिए अवसरों का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं। इस पहल के द्वारा हम युवाओं को नौकरियों के साथ-साथ जलवायु के लिए भी तैयार करना चाहते हैं। हम भारतीय युवाओं को ऐसा कौशल प्रदान करना चाहते हैं ताकि वे ग्लोबल ग्रीन इकोनोमी में योगदान दे सकें।’ त्रिशालजीत सेठी (महानिदेशक, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी), एमएसडीई) ने कहा, ‘‘शेल इंडिया के साथ यह साझेदारी हमारे आईटीआई एवं एनएसटीआई संस्थानों में आधुनिक प्रशिक्षण एवं उद्योग जगत के अनुकूल पाठ्यक्रम को शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी को व्यवसायिक प्रशिक्षण में शामिल कर हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे छात्रों को वास्तविक दुनिया की ज़रूरतों के अनुसार व्यवहारिक अनुभव प्रदान किया जाए। जॉइंट सर्टिफिकेशन, ट्रेनर अपस्किलिंग एवं प्लेसमेन्ट सपोर्ट के साथ यह प्रोग्राम ग्रीन मोबिलिटी सेक्टर में हमारे युवाओं की क्षमता बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाएगा।’
इस साझेदारी पर बात करते हुए मानसी मदान त्रिपाठी (चेयरपर्सन, शेल ग्रुप ऑफ कंपनीज़, भारत तथा सीनियर वाईस प्रेज़ीडेन्ट, शेल लुब्रिकेन्ट्स, एशिया-पेसिफिक) ने कहा, ‘‘शेल में हमारा उद्देश्य स्थानीय समुदायों को रोज़गार के भावी अवसरों के साथ सशक्त बनाना है। युवाओं को ग्रीन एनर्जी स्किल में प्रशिक्षित करना कम-कार्बन के भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। डीजीटी और एड्युनेट फाउन्डेशन के साथ साझेदारी के द्वारा हम छात्रों को ग्रीन एनर्जी एवं इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। यह पहल युवाओं को एनर्जी के बदलते परिवेश के बीच विकसित होने तथा देश के शुद्ध-शून्य लक्ष्यों में योगदान देने के लिए सक्षम बनाती है।’
चुनिंदा आईटीआई एवं एनएसटीआई में विशिष्ट ईवी स्किल लैब्स की स्थापना इस पहल का मुख्य आकर्षण है। ये लैब्स इस तरह से डिज़ाइन की गई हैं कि ये विशेषज्ञों के नेतृत्व में आयोजित सत्रों के माध्यम से उम्मीदवारों को उद्योग जगत के मानकों के अनुरूप व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। लैब के दायरे से बढ़कर यह प्रोग्राम सफल प्रतिभागियों को को-ब्रांडेड सर्टिफिकशन और प्लेसमेन्ट में सहयोग भी प्रदान करता है। इस तरह ग्रीन एनर्जी एवं ईवी सेक्टरों में युवाओं की रोज़गार क्षमता बढ़ती है। व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए देश के सर्वाेच्च संगठन होने के नाते प्रशिक्षण महानिदेशालय इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डीजीटी एवं शेल इंडिया के बीच यह साझेदारी देश के युवाओं को भावी ग्रीन इकोनोमी में करियर बनाने के लिए तैयार करेगी। व्यापक पाठ्यक्रम, विशेष लैब्स एवं ओद्यौगिक सहयोग के साथ यह उन्हें व्यवहारिक कौशल और सर्टिफिकेट भी देगी। उनकी रोज़गार क्षमता बढ़ाकर उन्हें स्थायी एवं इनोवेशन-उन्मुख भविष्य की ओर बढ़ने में मदद करेगी।
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