नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। जिसमें मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, समस्त अपर पुलिस अधीक्षक, सहायक पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी, समस्त थाना प्रभारी, प्रधान लिपिक, पुलिस उपाधीक्षक अभिसूचना, जिला अग्निशमन अधिकारी मौजूद रहें।
रिजर्व पुलिस लाइन स्थित बहुउद्देशीय
हॉल में नगर क्षेत्र के 100 प्रशिक्षणाधीन उपनिरीक्षक, 100 प्रशिक्षणाधीन उपनिरीक्षक, ग्रामीण क्षेत्र
से तथा इस प्रकार नगर क्षेत्र से 150 मुख्य आरक्षी, आरक्षी एवं 150 मुख्य आरक्षी, आरक्षी ग्रामीण क्षेत्र को बीट बुक का वितरण
किया गया। सुदृढ़ कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के
लिए बीट व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए समीक्षा
गोष्ठी की गई, जिसमें विस्तृत जानकारी दी गयी।
1) बीट का क्या महत्व है?
पुलिस व्यवस्था की छोटी इकाई
बीट होती है, जिसका प्रभार आरक्षी के पास
होता है। कई बीट मिलकर हल्का या चौकी क्षेत्र बनता है, जिसका प्रभारी उपनिरीक्षक होता है। बीट आरक्षी का
कर्तव्य होता है कि वह अपने बीट के ग्राम / मोहल्लों से सम्बन्धित जानकारिया जैसे
अपराधियों का विवरण, अवैध शराब के अड्डे, भूमि विवादों का विवरण आदि रखे व महत्वपूर्ण सूचनाओं
को बीट सूचना के रूप में थाने पर अंकित कराए। अभिसूचना संकलन, अपराध नियंत्रण एवं जनता के साथ संवाद व पुलिस छवि
में बीट आरक्षी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। जनपद में बीट प्रणाली को सुदृढ़
करने के लिए प्रत्येक थाना क्षेत्र को छोटी-छोटी बीट में विभक्त कर दिया गया है।
एक बीट में लगभग चार ग्राम/मोहल्ले रखे गये हैं। इन बीटों के ग्राम/मोहल्ले यथावत
रहेंगे व बार-बार बदले नहीं जायेंगे। प्रत्येक बीट का प्रभारी एक आरक्षी होगा। बीट
आरक्षी अपनी बीट के विषय में समस्त जानकारी रखेगा व उन्हें बीट पुस्तिका में दर्ज
करेगा।
2) बीट को कैसे अरेंज कराया गया
हैः-
जनपद में बीट प्रणाली को सुदृढ़
करने के लिए प्रत्येक थाना क्षेत्र को छोटी-छोटी बीट में विभक्त कर दिया गया है।
एक बीट में लगभग चार ग्राम/मोहल्ले रखे गये हैं। इन बीटों के ग्राम / मोहल्ले
यथावत रहेंगे व बार-बार बदले नहीं जायेंगे। प्रत्येक बीट का प्रभारी एक आरक्षी
होगा। बीट आरक्षी अपनी बीट के विषय में समस्त जानकारी रखेगा व उन्हें बीट पुस्तिका
में दर्ज करेगा उल्लेखनीय है कि उप्र पुलिस बल की जनपदीय शाखाओं के लिए निर्धारित
मानक के अनुसार नगरीय थाने में 1097 की आबादी पर एक आरक्षी तथा
ग्रामीण क्षेत्र के थाने में 1700 की आबादी पर एक आरक्षी
निर्धारित किया गया है। बीट का आकार इतना बड़ा भी नहीं होना चाहिये, जिससे बीट अधिकारी को कुशलतापूर्वक कार्य करने में
कठिनाई हो तथा इतना छोटा भी नहीं होना चाहिये कि जनशक्ति के आवंटन के लिये कठिनाई
उत्पन्न हो। बीट का साइज निर्धारण करते समय शहरी क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, वहाँ की जनसख्या, भौगालिक विशेषतायें, साम्प्रदायिक सवेटनशीलता इत्यादि का ध्यान रखें एवं
इसका स्थानीय स्तर पर आकलन कर लें। भौगोलिक, राजनैतिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं एवं चुनौतियों के दृष्टिगत बीट का क्षेत्र
घटाया बढ़ाया जा सकता है।
3) बीट में क्या क्या नया नवाचार
किया गयाः-
जनता व पुलिस का आपसी समन्वय व सूझबूझ स्थापित करने तथा पुलिस की कार्यक्षमता
में वृद्धि के क्रम में सशक्त बीट प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अनेक
देशों की पुलिस सशक्त व प्रभावी बीट प्रणाली के आधार पर ही जनता में काफी लोकप्रिय
है। प्रभावी बीट प्रणाली के द्वारा पुलिस थाने में पदस्थापित प्रत्येक पुलिस कर्मी
को स्वतंत्र उत्तरदायित्व के साथ अनेक अधिकार प्रदत्त किये जाते है ताकि वह अपने
बीट क्षेत्र के प्रति अपने कर्त्तव्य को समझाकर उसका निवर्हन कर सके और जनता में
पुलिस विभाग के प्रति विश्वास एवं सहयोग की भावना का संचरण कर सके। इस प्रणाली में
जहाँ वह एक ओर अपने बीट क्षेत्र में पुलिस थाने का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं दूसरी ओर बीट की जनता की दृष्टि में उनके
प्रतिनिधि एवं मित्र के रूप में पुलिस थाने में कार्यरत रहता है।
4) बीट बुक में क्या क्या अंश हैः-
बीट प्रणाली को 07 भागों में विभक्त किया गया है
जिनका विवरण निम्नवृत्त है।
भाग-1 भौगोलिक विवरण एवं सामान्य
जानकारी
भाग-2 बीट के ग्राम/मोहल्लों के
प्रमुख व्यक्तियों के नाम
भाग 3 विवाद/शत्रुता
भाग-4 आपराधिक ठिकानों का विवरण
भाग-5 प्रथम सूचना रिपोर्ट। बीट
आरक्षी का सहरानीय कार्य
भाग-6 अपराधियों की पतारसी/सुरागरसी
भाग-7 आवंटित प्रार्थना पत्रों की
जाच
5) कितने अधिकारी/ कर्मचारियों को
आज गोष्ठी में बुलाया गया है-
रिजर्व पुलिस लाईन में आयोजित गोष्ठी में जनपद मेरठ के समस्त राजपत्रित
अधिकारी। थाना प्रभारी एवं 200 प्रशिक्षणाधीन उपनिरीक्षक तथा 300 मुख्य आरक्षी आरक्षियों को बुलाया गया है। तदोपरान्त रिजर्व पुलिस लाइन मेरठ में प्रस्तावित जेटीसी/ आरटीसी के प्रशिक्षण
हेतु आवंटित वैरिक सरदार बल्लभ भाई पटेल छात्रावास, शहीद भगत सिंह (छात्रावास) का निरीक्षण कर साफ-सफाई
एवं अन्य व्यवस्थाओ को समय से पूर्ण करने हेतु सर्व सम्बन्धित को आवश्यक दिशा
निर्देश दिये गये। तत्पश्चात रिजर्व पुलिस लाइन की परिवहन शाखा को आवंटित नव
निर्मित वैरिक का निरीक्षण किया गया एवं सम्बन्धित को आवश्यक निर्देश दिये गये।
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