Thursday, June 19, 2025

कांवड़ यात्रा से पहले टूटी गंगनहर पटरी, आस्था की राह बनी खतरे का रास्ता!


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। सावन का महीना आने वाला है, हरिद्वार से जल लेकर लौटने वाले शिवभक्तों की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन मवाना क्षेत्र में आस्था की राह अब जोखिम भरी होती नजर आ रही है? अनूपशहर गंग नहर की पटरी जगह-जगह से टूटी हुई है, जिससे हजारों कांवड़ियों की सुरक्षित यात्रा पर संकट मंडरा रहा है। हर साल हजारों कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर मीलों की यात्रा करते हुए अपने गंतव्यों तक नंगे पांव पहुंचते हैं। इस बार 23 जुलाई को शिवरात्रि है, ऐसे में सावन में कांवड़ यात्रा की रफ्तार तेज होने वाली है। 

मवाना तहसील में झुनझुनी गांव से लेकर किठौर कस्बे तक लगभग 22 किलोमीटर लंबी गंग नहर की पटरी कई जगहों से जर्जर हो चुकी है। जौली गांव के पास से शुरू होकर इस पटरी से बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, मथुरा समेत कई जिलों के कांवड़िये गुजरते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर गहरे गड्ढे हैं, कहीं सड़क उखड़ी हुई है और कहीं बजरी बिखरी पड़ी है, जिससे नंगे पांव चलना मुश्किल हो जाएगा। बारिश के दौरान ये रास्ता जानलेवा साबित हो सकता है।

ग्रामीणों ने जताई चिंता
झुनझुनी, अस्सा, करीमपुर, कूड़ी कमालपुर, मीवा, सीना और मवाना शहर के लोगों ने नहर की पटरी को जल्द दुरुस्त कराने की मांग उठाई है।

सिंचाई विभाग का जवाब
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता नरेंद्र सिंह ने बताया कि झुनझुनी से आगे तक की पटरी पर जल्द पेचवर्क शुरू कराया जाएगा। इस पर करीब 12 लाख रुपये खर्च होंगे।

सवाल
अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन कांवड़ यात्रा से पहले श्रद्धालुओं की इस जोखिमभरी राह को राहत में बदल पाते हैं या नहीं?

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