Thursday, June 12, 2025

दहेज के लिए विवाहिता को फांसी पर लटकाने की कोशिश

 

पति, सास, ननद और अन्य परिजनों पर हत्या के प्रयास का आरोप, पीड़िता की हालत नाजुक

अंकुर शर्मा 
नित्य संदेश,, मेरठ। भावनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम राली चौहान से दहेज उत्पीड़न का एक बेहद खौफनाक मामला सामने आया है। जहां 22 वर्षीय विवाहिता नेहा को उसके ही ससुराल पक्ष ने कार की मांग पूरी न होने पर फांसी देने की कोशिश की। नेहा को बेहद गंभीर हालत में आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।

पीड़िता के पिता राकेश कुमार निवासी ग्राम वाड़ीवाला, थाना चांदपुर, जिला बिजनौर ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी नेहा की शादी 12 फरवरी 2024 को हिंदू रीति-रिवाज से संदीप कुमार पुत्र खेमचंद सिंह, निवासी राली चौहान से की थी।
उन्होंने अपनी हैसियत के अनुसार दहेज भी दिया, जिसमें बुलेट बाइक और अन्य सामान शामिल था। लेकिन ससुराल पक्ष की मांग वैगनार कार की थी, जो पूरी नहीं हो पाई।
इसके बाद से ही नेहा को दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जाने लगा। उसे आए दिन मारपीट, गाली-गलौज और मानसिक यातना झेलनी पड़ी। परिजनों के अनुसार, नेहा की सास संतोष, ननद मीनू, मीनू का पति रविंद्र और अन्य परिजन भी इस उत्पीड़न में शामिल रहे। आरोप है कि नेहा को घर मे ही फांसी पर लटकाने का प्रयास किया गया।लेकिन समय रहते नेहा के मायके पक्ष को इसकी भनक लग गई। वे तुरंत मौके पर पहुंचे और नेहा को बेहोशी की हालत में फंदे से नीचे उतारा। 

परिवार ने तुरंत उसे आनंद अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत को बेहद गंभीर बताया है। उसके गले पर फांसी के गहरे निशान, शरीर पर मारपीट के जख्म, और मानसिक हालत भी डांवाडोल बताई जा रही है। पीड़िता के पिता द्वारा दिए गए लिखित प्रार्थनापत्र के आधार पर भावनपुर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पीड़िता के होश में आने के बाद उसका बयान भी दर्ज किया जाएगा, जिसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई संभव है।

"अगर समय पर न पहुंचते, तो बेटी की लाश मिलती": पिता का आक्रोश
नेहा के पिता राकेश कुमार ने कहा: “हमने अपनी बेटी की शादी बड़े विश्वास और संस्कारों के साथ की थी। बुलेट बाइक दी, फिर भी उन्हें कार चाहिए थी। दहेज की हवस में मेरी बेटी को मार डालने की कोशिश की गई। अगर समय पर हम न पहुंचते, तो आज नेहा हमारे बीच न होती। हम दोषियों की गिरफ्तारी और कठोर सजा की मांग करते हैं।”

समाज को झकझोरने वाला सवाल: कब खत्म होगी दहेज की यह दरिंदगी?
यह घटना एक बार फिर हमारे समाज में दहेज की जड़ें कितनी गहरी और खतरनाक हैं, इसका प्रमाण है। सवाल सिर्फ नेहा का नहीं है, सवाल हर उस बेटी का है जिसे दहेज के नाम पर पीटा, जलाया या लटकाया जाता है। कानून तो हैं, लेकिन क्या सख्त अमल और सामाजिक बदलाव के बिना यह रुक पाएगा?

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