डॉ. इफ्फत जकिया
नित्य संदेश, मेरठ। चार मोहर्रम को शहर के सभी इमामबाड़ों में इमाम हुसैन (अ.स) की अज़ादारी का सिलसिला जारी रहा। इमामबारगाह छोटी कर्बला में अशरे को संबोधित करते हुए मौलाना सैयद अब्बास बाकरी ने "उस्वा-ए-हुसैनी" शीर्षक के तहत लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि "कर्बला सिर्फ एक जंग नहीं, बल्कि इंसानियत की पाठशाला है, जहां हर रंग, नस्ल, धर्म और उम्र के प्रतिनिधि
मौजूद थे, जिन्होंने इमाम हुसैन (अ.स.) के
नेतृत्व में सच्चाई और इंसानियत की रक्षा के लिए अपने सिर पर कफन बांधकर रण भूमि को सुशोभित
किया। जहां बूढ़े हबीब इब्ने मज़ाहिर थे, वहीं तौबा करने वाले हुर भी थे, गुलाम जौन भी थे, उस्मानी संप्रदाय के ज़ुहैर इब्ने क़ैन भी थे, कल्ब कबीले के वहब जैसे ईसाई भी थे और नन्हा अली असगर, कासिम और अली अकबर जैसे युवा भी थे। यह सिर्फ़ इस्लाम
का ही नहीं, बल्कि इंसानियत का कारवां भी था, जिसका नेतृत्व हुसैन इब्ने अली (अ.स.) जैसे स्वतंत्रता
और न्याय प्रिय रहबर कर रहे थे। ये सभी एक ही लक्ष्य के लिए एकजुट थे।"
मजलिस के अंत में मौलाना ने वहब कल्बी और ज़ुहैर इब्ने क़ैन की दिल दहला देने
वाली शहादत को बयान किया और श्रोताओं को भावुक कर दिया। मजलिस में सोज़ ख्वानी
दानिश जाफ़री ने की। नमाज ज़ौहरैन के बाद अज़ा खाना
शाह-ए-कर्बला वक्फ मंसबिया में 'फज़ल-ए- ईलाही और हिदायत की ज़िम्मेदारी' शीर्षक के आधार पर मजलिस को संबोधित किया। प्रसिद्ध
धर्मगुरु मौलाना शब्बर हुसैन खाँ ने कहा, 'इंसान को कानून की जरूरत इसलिए होती है, ताकि वह इन कानूनों का पालन कर सके और बे-लगाम न होने
पाए। धार्मिक कानूनों का पालन उसके व्यक्तित्व को निखारनें में मदद करता है। अगर
इंसान नियमों और कानूनों की जंजीरों में बंधा रहे और इन कानूनों का पालन करे, तो उसके कार्यों से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। इमाम
ने कर्बला के मैदान में कहा था, 'न अन्याय करो और न अन्याय के
आगे झुको।' मजलिस में सोज़ ख्वानी अज़ादार
हुसैन ने की। शहर की दूसरी इमामबारगाहों में भी निर्धारित समय पर मजलिसों का सिलसिला
जारी रहा।
देर रात्रि का जुलूस: नमाज मग़रिबैन के बाद थाना देहली गेट
स्थित अज़ाखाना डॉ. मुहम्मद इकबाल से अलम का जुलूस निकाला गया, जिसका आयोजन शाह अब्बास सफवी ने किया। जुलूस देर रात
छोटी कर्बला इमामबारगाह पहुंचकर समाप्त हुआ। शहर की मातमी अंजुमनों ने नौहा ख्वानी
और मातम किया।
मंगलवार के जुलूस: मुहर्रम कमेटी की मीडिया प्रभारी डॉ. इफ्फत
जकिया ने पत्रकारों को बताया कि मंगलवार को जुल्जनाह का
जुलूस थाना कोतवाली स्थित बड़ा इमामबाड़ा नवाब मौहम्मद अली खाँ से निकाला जाएगा, जो शहर की विभिन्न इमामबारगाहों से होता हुआ बुढ़ाना
गेट स्थित इमामबारगाह पर वापस आकर समाप्त होगा।
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