Saturday, June 21, 2025

एमआईटी में एटीएएल एफडीपी का हुआ समापन, 50 शिक्षकों ने सीखी उभरती तकनीकों की बारीकियां

 


अजय चौधरी

नित्य संदेश, मेरठ। मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा प्रायोजित छह दिवसीय अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का समापन शुक्रवार को उत्साहपूर्वक हुआ। कार्यक्रम का केंद्रीय विषय "कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में प्रगति" रहा, जिसमें देशभर से आए कुल 50 शिक्षकों ने भाग लिया और तकनीकी नवाचारों पर विस्तार से संवाद किया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. दयानंद शर्मा (प्रोग्राम डायरेक्टर, इननोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस, रक्षा मंत्रालय एवं हेड, इंडियन नेवी ग्रुप) रहे। उन्होंने अपने संबोधन में रक्षा क्षेत्र में हो रहे तकनीकी नवाचारों की महत्ता और अनुसंधान की बदलती दिशा पर गहराई से प्रकाश डाला। समापन सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. मणि मधुकर ने क्लाउड कंप्यूटिंग, जनरेटिव एआई/एमएल, ब्लॉकचेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी उभरती तकनीकों पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में ये तकनीकें न केवल शैक्षिक संस्थानों में बदलाव लाएंगी, बल्कि औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी व्यापक प्रभाव डालेंगी। एफडीपी की शुरुआत एडोबी के सीनियर मैनेजर विदित भाटिया के तकनीकी व्याख्यान से हुई, जिसमें उन्होंने जनरेटिव एआई की सहायता से अनस्ट्रक्चर्ड डाटा के लिए रिट्रीवल ऑगमेंटेड जनरेशन मॉडल्स विकसित करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रोफेसर डॉ. मयंक अग्रवाल ने “मशीन डिपेंडेंसी और एआई” विषय पर व्याख्यान दिया।


टेलस इंटरनेशनल नोएडा के प्रोजेक्ट मैनेजर अवनीश कुमार ने एआई इन एजुकेशन विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि एआई आधारित उपकरणों की सहायता से शिक्षण को कैसे अधिक प्रभावी, व्यक्तिगत और सुलभ बनाया जा सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय (नॉर्थ कैंपस) के कंप्यूटर साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिलीप सेनापति ने इंटेलिजेंस एज कंप्यूटिंग पर आधारित एक तकनीकी सत्र में भाग लिया, जिसमें उन्होंने भविष्य की कंप्यूटिंग अवधारणाओं पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। एफडीपी के दौरान प्रतिभागियों को एक औद्योगिक इकाई का शैक्षणिक भ्रमण भी कराया गया, जहां उन्होंने आधुनिक तकनीकों के वास्तविक अनुप्रयोग को प्रत्यक्ष रूप से देखा। 


इसके अतिरिक्त डॉ. एमआईएच अंसारी द्वारा पोस्ट-लर्निंग सेशन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और भविष्य की अनुसंधान संभावनाओं पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन एफडीपी कोऑर्डिनेटर डॉ. मुकेश रावत एवं को-कोऑर्डिनेटर डॉ. पंकज शर्मा के नेतृत्व में हुआ। इस मौके पर अंशिका चौधरी, अदिति शर्मा, सोनम तोमर, सचिन कौशिक, अनमोल, रूपल, निखिल एवं अन्य सहयोगियों की अहम भूमिका रही।


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