नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। विश्व एमएसएमई दिवस
के मौके पर जाने-माने दूरसंचार सेवा प्रदाता वी की एंटरप्राइज़ शाखा वी बिज़नेस ने अपने
प्रमुख रेडी फॉर नेक्स्ट एमएसएमई ग्रोथ इनसाईट्स स्टडी-2025 के तीसरे संस्करण को जारी
किया।
डिजिटल भारत
भारत नेट
एवं मोबाइल बॉंडबैण्ड के बढ़ते इस्तेमाल के साथ भारत की तेज़ी से विकसित होती डिजिटल
इकोनोमी में छोटे कारोबार अपने संचालन की दक्षता एवं बाज़ार में पहुंच बढ़ाने के लिए
डिजिटल टूल्स का उपयोग कर रहे हैं। इस अध्ययन पर बात करते हुए अरविंद नेवातिया (चीफ़
एंटरप्राइज़ बिज़नेस ऑफिसर, वोडाफ़ोन आइडिया लिमिटेड) ने कहा, ‘‘भारत के एमएसएमई स्पष्ट
रूप से डिजिटल उत्सुकता से बढ़कर डिजिटल प्रतिबद्धता की ओर रुख कर रहे हैं और यह उत्साहजनक
बदलाव है। क्लाउड, साइबरसिक्योरिटी एवं ऑटोमेशन में बढ़ता निवेश दर्शाता है कि छोटे
कारोबार टेक्नोलॉजी को युटिलिटी के रूप में नहीं, बल्कि विकास को बढ़ावा देने वाले कारक
के रूप में देख रहे हैं। रेडी फॉर नेक्स्ट प्रोग्राम के माध्यम से हमारा उद्देश्य भारत
के एमएसएमई की अतुलनीय विकास यात्रा का जश्न मनाना है, जो छोटे नगरों से विश्वस्तरीय
बाज़ारों तक मैनुअल प्रक्रियाओं से डिजिटल-फर्स्ट उद्यमों तक विकसित हुए हैं।’’ रेडी
फॉर नेक्स्ट एमएसएमई ग्रोथ इनसाईट्स स्टडी 2025 इस सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती
है, जहां देश के डिजिटल मैच्योरिटी इंडैक्स (डीएमआई) में बढ़ोतरी हो रही है, हालांकि
डिजिटल अडाप्शन खंडित बना हुआ है। मजबूत इरादे, सही आर्थिक सहयोग एवं उचित अडवाइज़री
सहयोग के साथ भारत के छोटे कारोबार अपनी डिजटल यात्रा को गति प्रदान करने के लिए मजबूत
स्थिति में हैं।
‘रेडी फॉर नेक्स्ट एमएसएमई
ग्रोथ इनसाईट्स स्टडी 2025’ के मुख्य बिन्दुओं में शामिल हैंः दक्षिण भारत डिजिटल बदलाव में अग्रणी- तेलंगाना
ने नेशनल डीएमआई रैंकिंग में टॉप किया भारत का डिजिटल मच्योरिटी इंडैक्स (डीएमआई)
2023 में 56.6 पर था, जो 2024 में 57.3 पर और 2025 में 58.0 पर आ गया। क्षेत्रीय दृष्टि
से देखें तो दक्षिण भारत डिजिटल बदलाव में सबसे आगे है, जहां डीएमआई 62.9 रहा। इसके
बाद पश्चिम में 57.4, पूर्व में 57.1 और उत्तर में 55.8 दर्ज किया गया। व्यक्तिगत राज्यों
की बात करें तो तेलंगाना 71.2 डीएमआई के साथ डिजिटल बदलाव में सबसे आगे रहा।
हैदराबाद ग्लोबल टेक फर्मों,
सरकार द्वारा समर्थित डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और वाइब्रन्ट स्टार्टअप सिस्टम के चलते
‘साइबराबाद’ में बदल गया है और यहां एमएसएमई डिजिटल अडाप्शन को तेज़ी से बढ़ावा मिला
है। इसके बाद केरल (63.7) ने अपनी डिजिटल साक्षरता और मजबूत सर्विस सेक्टर के चलते
उल्लेखनीय आंकड़े दर्ज किए हैं। मुंबई के फाइनैंशियल सर्विस बेस और पुणे के आईटी एवं
इंडस्ट्रियल सिस्टम समर्थन से महाराष्ट्र (59.2) तीसरे रैंक पर रहा।
डिजिटल निवेश बढ़ रहा हैः
क्लाउड एवं साइबरसिक्योरिटी
को महत्व दिया जा रहा है। विभिन्न सेक्टरों में डिजिटल मच्योरिटी असमान बनी हुई है।
लेकिन अध्ययन के अनुसार निवेश के इरादे में बढ़ोतरी देखी गई है। इस सूची में प्रोफेशनल
सर्विसेज़ सबसे आगे हैं, जहां डिजिटल रूपान्तरण का बजट बढ़ाया जा रहा है। इसके बाद रीटेल,
लॉजिस्टिक्स, परिवहन, मीडिया एवं एंटरटेनमेन्ट, मैनुफैक्चरिंग, टेलीकॉम, कृषि, फाइनैंशियल
सर्विसेज़ और हेल्थकेयर भी इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाना चाहते हैं। रोचक तथ्य यह है कि
72 फीसदी एमएसएमई ने क्लाउड पर खर्च बढ़ाने की योजना बनाई है। 76 फीसदी, एमएसएमई बढ़ते
साइबर खतरे को देखते हुए साइबर सिक्योरिटी को प्राथमिकता दे रहे हैं।
डिजिटल नेतृत्वः
लिंग समानता पर बढ़ता फोकस
महिला उद्यमी (डीएमआईः 57.4) पुरूषों (57.7) के साथ इस अंतर को दूर कर रहे हैं, यहां
तक कि शिक्षा एवं आईटी जैसे सेक्टरोंमें क्लाउड और सिक्योरिटी में ज़्यादा आगे हैं।
40-60 वर्ष के उद्यमी (डीएमआईः 64.0) इसमें सबसे आगे हैं, स्पष्ट है कि डिजिटल उत्सुकता
केवल युवा संस्थापकों (डीएमआईः 57) तक ही सीमित नहीं है।
डिजिटल मच्योरिटी बढ़ रही
है, लेकिन केलव 12 फीसदी एमएसएमई पूरी तरह से डिजिटलीकृत हैं, अडाप्शन खंडित बना हुआ
है। अध्ययन के अनुसार, 2025 में देश का डीएमआई 58.0 पर पहुंच गया, इस बीच डिजिटल मच्योरिटी
लगातार बढ़ी है। हालांकि केवल 12 फीसदी एमएसएमई अपनी पूर्ण डिजिटल मच्योरिटी तक पहुंचे
हैं, स्पष्ट है कि अडाप्शन खंडित बना हुआ है।
विभिन्न सेक्टरों में डिजिटल
टूल्स पर ध्यान दिया जा रहा है, हालांकि उपभोक्ता सक्रियता तकनीकों एवं भीतरी सहयोग
के प्लेटफार्म्स जैसे क्षेत्रों में खामियां हैं। इससे साफ है कि फाइनैंशियल क्षमता
और अडवाइज़री सपोर्ट की बाधाओं के बीच छोटे एवं लघु कारोबार इन खामियों को दूर करने
के लिए काम कर रहे हैं।
फोटो संख्या-21
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