Tuesday, June 3, 2025

कश्यप और उनकी 13 पत्नियों की कथा सुनाई

 


नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। अथर्ववेद के अभय मन्त्र के महत्त्व के साथ प्रारम्भ हुई कथा में प्रो. त्रिपाठी ने बताया, परिवर्जन करने वाला ऋषि होता है। कश्यप और उनकी 13 पत्नियों की कथा सुनाई।

ब्रह्मा ने हिरण्मय गोले से सृष्टि की। ब्रह्मा से दक्ष, उनसे 9 प्रजापति, जिनमें 2 ऋषि और 7 सृष्टिकर्ता ऋषि हुए। उनमें एक ऋषि कर्दम और उनकी पत्नी देवहूति की कथा बताई। उन दोनों की सन्तान ऋषि कपिल हुए। उन्होंने अपनी मां को सांख्यदर्शन का उपदेश दिया। ऋषि अत्रि और अनुसूया से उत्पन्न ब्रह्मा, विष्णु और शिव के अंश से जन्मे सोम, दत्त और दुर्वासा ऋषि के विषय में बताया। प्राचीनबर्हि और प्रचेता की कथा हुई। वेन और पृथु, पुरञ्जन और पुरञ्जनी, भरत और रहूगण की कथा विस्तार से सुनाई। बुधवार को नर-नारायण, नरक (लोक और ऋषि), कश्यप और दिति आदि की कथा होगी।

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