फैक्ट्री से वैध अनुमति के साथ लेकर जा रहे थे मीट, आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
नित्य संदेश एजेंसी
अलीगढ़। जिले से एक दर्दनाक और मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक विभत्स घटना सामने आई है. यहां हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने कदीम, अली और अरबाज सहित चार युवकों पर जान से मारने की नियत से हमला किया. जानकारी मिली है कि ये युवक मीट से लदी लोडर गाड़ी में अल-तबारक मीट फैक्ट्री से वैध अनुमति के साथ मीट लेकर जा रहे थे. रास्ते में हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने प्रतिबंधित मांस का आरोप लगाकर गाड़ी को घेर लिया और युवकों को बुरी तरह पीटा. अब इस मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि हमलावरों का उद्देश्य न तो जांच था, न ही प्रतिबंधित मांस का मुद्दा, बल्कि यह पूरी तरह से अवैध वसूली और गुंडागर्दी का मामला है. बताया जा रहा है कि पीड़ितों के पास स्लॉटर हाउस से जारी वैध गेट पास था. इसके बावजूद हमला किया गया और उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई. घटना में घायल कदीम, अली और अरबाज सहित लोडर ड्राइवर को जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
पुलिस ने दर्ज किया केस
शिकायतकर्ता के अनुसार, 15 दिन पहले भी इन्हीं आरोपियों में से कुछ ने 50 हजार रुपये की वसूली की कोशिश की थी. तब भी उन्होंने गाड़ी में प्रतिबंधित मांस का मुद्दा बनाकर हंगामा किया था. उस समय पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हमलावरों को फटकार लगाई थी. मगर इस बार हमलावरों ने सुनियोजित तरीके से हमला किया और शहर के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की. अब अकराबाद थाने में BNS की 7 गंभीर धाराओं के तहत हत्या का प्रयास, डकैती और वसूली के आरोप में 13 नामजद और 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
कारोबारियों पर हमला अचानक नहीं हुआ
अतरौली के मीट कारोबारियों पर हमला अचानक नहीं हो गया। पंद्रह पहले जब मीट पकड़ा गया था तभी से इसकी प्लानिंग चल रही थी। खुफिया तंत्र इसे भांपने में नाकाम रहा। जबकि क्षेत्रीय पुलिस को पता था की मीट कारोबारियों पर ऐसे लोगों की नजर है जो गोवंश बचाव पर काम करते हैं। पुलिस ने न तो मीट कारोबारियों को आगाह किया और उनका मार्ग बदला। शनिवार को जिसने भी युवकों को पीटने के प्रसारित हुए वीडियो देखे झकझोर कर दिया।
जांच में भैंस का मास पाया गया था
भीषण गर्मी में जिस तरह उन्हें पीटा गया उनकी जान भी संकट में पड़ सकती थी। एक युवक तो बेहोश हो गया। पंद्रह दिन पहले भी पनैठी के पास मीट ले जा रही गाड़ी को रोका था। तब पुलिस ने मीट का नमूना लेकर जांच को भेजा था। जांच में भैंस का मास पाया गया। अकराबाद पुलिस ने गाड़ी को छुड़वाया था। इस कार्रवाई के बाद हिंदू वादी संतुष्ट नहीं थे। उनका यही मानना था की कुछ गड़बड़ हो रहा है। इसके बाद ही उनकी प्लानिंग अधिक मीट के साथ कारोबारियों को पकड़ने की थी।
चौथ न देने पर ही ये घटना हुई: मनोज यादव
मीट कारोबारियों के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद बड़ी संख्या में सपाई दीनदयाल अस्पताल और जेएन मेडिकल कालेज पहुंचे। सभी का एक ही आरोप था पुलिस की सह पर चौथ वसूली हो रही है। पुलिस सक्रिय होती तो इस घटना से बचा जा सकता था। सपा वरिष्ठ नेता मनोज यादव ने कहा कि चौथ न देने पर ही ये घटना हुई है। सपा के महानगर अध्यक्ष अब्दुल हमीद घोषी, पूर्व महानगर अध्यक्ष अज्जू इश्हाक, बसपा के वरिष्ठ नेता सलमान शाहिद ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग। कांग्रेस नेता आगा यूनिस ने कहा है कि माहौल खराब करने वालों को बख्शा न जाए।
याद दिला दी औरंगजेब की घटना
मामू भांजा पिछले वर्ष 18 जून को चोरी के आरोप में घास की मंडी, रंगरेजान निवासी फरीद उर्फ औरंगजेब की पीटने से मृत्यु हो गई थी। छह लोगों पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ था, जो कोर्ट में विचाराधीन है। शनिवार को पनैठी पर हुई घटना ने इसकी याद दिला दी।
दोनों ओर से मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
अमृत जैन, एसपी देहात
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