Friday, May 23, 2025

बिजली निजीकरण पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

 


-लगातार तीसरे दिन तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन रहा जारी

नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम पर प्रबंधन की हठवादिता के चलते विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कराने की कृपा करें। जिला अधिकारियों द्वारा बिजलीकर्मी नेताओं की बुलाई गई बैठकों में बिजली कर्मियों ने उन्हें दो टूक बता दिया है कि निजीकरण पर कोई भी बात करनी है तो संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों से की जाए। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन बिजलीकर्मियों ने प्रदेश भर में तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन जारी रखा।


संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा है कि बिजली कर्मचारी इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ नहीं होने देना चाहते। इसी दृष्टि से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी शांतिपूर्वक ध्यान आकर्षण आंदोलन चला रहे हैं। किंतु प्रबंधन इस ध्यान आकर्षण आंदोलन को हड़ताल बताकर बिजली कर्मियों को डराने, धमकाने, उत्पीड़न करने, ट्रांसफर करने, संविदा कर्मियों की बड़े पैमाने पर छटनी करने आदि जैसे उत्पीड़नात्मक कदम उठाकर ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर अशांति का वातावरण बना रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि मुख्यमंत्री हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त कराएं तो बिजली कर्मी और अधिक मनोयोग से सुधार की प्रक्रिया में जुट जाएंगे।


ऊर्जा भवन कार्यालय पर हुई विरोध सभा

ऊर्जा भवन कार्यालय मेरठ में हुई विरोध सभा में सभी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद की। संघर्ष समिति के आह्वान पर लगातार तीसरे दिन बिजली कर्मियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। बिजली कर्मियों ने कहा कि वे शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन  कर मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण कर रहे हैं, किन्तु प्रबंधन उत्पीड़न कर रहा है। इससे उत्पन्न होने वाले टकराव के परिणाम की सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।


चेयरमैन पर धमकी भरे पत्र भेजने का आरोप

संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन के इशारे पर हजारों बिजली कर्मचारियों को परामर्श के नाम पर धमकी भरे पत्र दिए जा रहे हैं। निजी घरानों की मदद करने हेतु बड़े पैमाने पर संविदा कर्मियों की छटनी की जा रही है। पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन रोज वीडियो कान्फ्रेसिंग कर दमन की भाषा बोल रहे हैं। इन सब बातों से कार्य का वातावरण बिगड़ रहा है।

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