नित्य संदेश डेस्क। अभी-अभी आपने सुना ही होगा कि पाकिस्तान में अज्ञात लोगो ने दो आतंकवादियों को मार दिया है। एक आतंकवादी रजाउल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्ला खालिद था जिसे 18 मई 2025 (रविवार) को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी। दूसरा आमिर हमजा जो लश्कर-ए-तैयबा के सह-संस्थापक आमिर हमजा के बूरी तरह घायल होने की खबरें हैं, और उसे लाहौर के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना 20 मई 2025 (मंगलवार) को हुई है, जहां उसे अपने घर में ही हमलावरों ने गोली मार दी। यह ध्यान देने योग्य बात है कि रजाउल्लाह निजामनी की मौत के कुछ ही दिनों बाद आमिर हमजा पर हमला हुआ है। खैर, जो अज्ञात इन जैसे मानवता के दुश्मन और भारत विरोधी आतंकवादियों को मौत के घाट उतारते है, उन अज्ञातों को मेरी और से नमन पहुंचे।
आपने कभी सोचा है कि ये अज्ञात कहां से आते है? कौन होते है? कैसा मुश्किल जीवन जीते है?
मैं यहां भारत की खुफिया एजेंसी रॉ आईबी के उन गुमनाम योद्धाओं को भी नमन करती हूं जिन्होंने आपरेशन सिंदूर के लिए पाकिस्तान में जान पर खेल कर सारे ठिकानों का पता लगाया। उन स्थानों को चिन्हित किया और भारत की एयरफोर्स को सटीक ठिकानों की जानकारी देकर तबाह करवाया। स्नेहीजन, भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के वह गुमनाम योद्धा होते हैं जिनका ना कभी नाम आता है, ना कभी फोटो आता है और तो और अगर दुश्मन देश उन्हें पकड़ लें तो उन्हें एक्सेप्ट भी नहीं किया जाता कि यह हमारी ही ख़ुफ़िया एजेंसी का आदमी है। लेकिन फिर भी अपनी जान को जोखिम में डालकर पूरा जीवन दुश्मन देशों में अपनी मौत को हथेली में लेकर ये महान अज्ञात गुमनाम जीवन बिता कर भी अपने देश की सुरक्षा के लिए जानकारी एकत्रित करने वाले और भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचे जाने वाले जगहो को चिन्हित करने वाले और फिर हमारी सेना को पूरी जानकारी देने वाले। सोचिए कितने बड़े देशभक्त है ये। जहां भारत में विभिन्न समुदाय के सड़ी मानसिकता, दोयम दर्जे के यूट्यूबर, इन्फ्लूएशर आदि थोड़ी सी प्रसिद्धि और पैसा पाने के लिए देश की सुरक्षा को खतरे में डालने को तैयार हो जाते है। वही ये अज्ञात जन पूरा जीवन मन में भारत के प्रति अगाध श्रद्धा लिए गुमनामी में बीता देते है।
आपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के अंदर घुसकर भारतीय सेना ने जितने बड़े अटैक किए हैं और जितने आतंकी शिविरों को तबाह किया है, यहां तक की उसके परमाणु संयंत्र तक हमारी खुफिया एजेंसीयों ने पता लगाकर सेना को टारगेट बता दिया हो। सोचिए कितनी सटीक और शत्रु भेदी जानकारी इन अज्ञातों ने हमारे देश को आतंकवाद के विरूद्ध सफलता दिलवाने के लिए दी है।
इस पूरी युद्ध विजय में भारत की खुफिया एजेंसी रॉ, आईबी, एनआइए, एनटीआरओ, एनसीबी, डीआरआई, एमआई के उन गुमनाम योद्धाओं का भी बड़ा योगदान है। इसलिए हमारी बहादुर सेना के साथ हम हमारे गुमनाम, अज्ञात खुफिया एजेंसियों के वीरों को भी नमन करते हैं। नमन वीरो आप सबके त्याग और आप सबकी बहादुरी पर। जिन्हें कभी कोई श्रेय नहीं दिया जाता... ना उनके काम की चर्चा होती है ना कोई हिसाब-किताब... एक धन्यवाद हम भारतवासियों द्वारा उनके लिए तो बनता ही है...सही है ना।
आत्मीय आभार, थैंक यू RAW, IB, NIA, NTRO, NCB, DRI, MI इतने प्रिसाइज और परफेक्ट टारगेट्स चिन्हित करने के लिए... फ़ौज तो हमारी है ही अचूक पर आपके सहयोग के बिना ये सब संभव नहीं...
बलूचिस्तान... अफगानिस्तान... सिंध... पंजाब... खैबर पखतून और अननोन गनमैन... कितने रूप से आप दुश्मनों को कमजोर करते हो। ये बातें ना कभी कहीं रिकार्ड्स में आएंगी ना किस्से कहानियों में...ना कोई सम्मान, ना मेडल... ना ही कोई असाधारण पेचेक..तमाम खतरे...अस्त-व्यस्त निजी जीवन... लेकिन फिर भी आप लोग अज्ञात, गुमनाम रहकर देश की जो सेवा कर रहे हो वह मिसाल है। उसके लिए आपको नमन करते है, ह्रदय से धन्यवाद देते है और कृतज्ञता ज्ञापित करते है। आपको ज्ञात होगा कि अजीत डोभाल जी लम्बे समय तक एजेंट के तौर पर पाकिस्तान में काम कर चुके हैं। ये देश सदैव आप अनसंग हीरोज का ऋणी रहेगा।
प्रस्तुति
सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'
इंदौर, मध्य प्रदेश
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