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Thursday, May 29, 2025

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सहयोग में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का बड़ा कदम, वियतनाम की दो प्रमुख गवर्नमेंट फंडेड यूनिवर्सिटीज के साथ एमओयू सम्पन्न

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, जिसे हाल के वर्षों में नेक द्वारा ए++ ग्रेड (सीजीपीए 3.66/4.00) से सम्मानित किया गया है, शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के नेतृत्व में उच्च स्तरीय शैक्षणिक प्रतिनिधिमंडल ने वियतनाम की प्रमुख पब्लिक फंडीड विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। 

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक और सांस्कृतिक सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए वियतनाम की दो प्रमुख संस्थाओं नोंग लाम यूनिवर्सिटी और होची मिन्ह सिटी ओपन यूनिवर्सिटी के साथ दो अलग-अलग समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शिक्षा, शोध और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देना है।

एमओयू विवरण
एमओयू- 1
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और नोंग लाम यूनिवर्सिटी होची मिन्ह सिटी, वियतनाम के बीच एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह सहयोग दोनों देशों के बीच उच्च शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस समझौते के तहत दोनों विश्वविद्यालयों ने फूड साइंस, बायोटेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट एग्रीकल्चर, आईटी, और अन्य उभरते हुए क्षेत्रों में शिक्षक और शोधकर्ता आदान-प्रदान को प्राथमिकता देने की सहमति दी। इससे दोनों विश्वविद्यालयों को वैश्विक शैक्षणिक मानकों के अनुरूप लाभ होगा। अंग्रेज़ी भाषा प्रशिक्षण के संदर्भ में नोंग लाम यूनिवर्सिटी की ओर से कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला से विशेष आग्रह किया गया कि यदि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग से प्रशिक्षित और अनुभवी शिक्षक वियतनाम में आकर वहां के विद्यार्थियों और शिक्षकों को अंग्रेज़ी संप्रेषण कौशल में दक्षता प्रदान करें, तो इसे विशेष योगदान माना जाएगा। इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए दोनों पक्षों ने इस दिशा में सकारात्मक प्रयास करने पर सहमति जताई। हस्ताक्षर समारोह होची मिन्ह सिटी में संपन्न हुआ, जिसमें कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला एवं नोंग लाम यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गुयेन तत तोआन ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर दोनों विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं विषय विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे। 

एमओयू- 2
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ (भारत) और होची मिन्ह सिटी ओपन यूनिवर्सिटी, वियतनाम के बीच सहयोग समझौता ज्ञापन 28 मई 2025 को वियतनाम के होची मिन्ह सिटी ओपन यूनिवर्सिटी में, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ (भारत) और होची मिन्ह सिटी ओपन यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। समारोह में अपने उद्बोधन में डॉ. ले ज़ुआन ट्रुओंग, उप कुलपति, होची मिन्ह सिटी ओपन यूनिवर्सिटी ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से आई प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों संस्थानों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग को और मजबूत करने के इस महत्वपूर्ण कदम पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह सहयोग शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और अनुसंधान गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में सहायक होगा।
प्रो. संगीता शुक्ला, कुलपति, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने कहा कि यह सहयोग मित्रतापूर्ण भावना के साथ आगे बढ़ेगा और दोनों विश्वविद्यालयों के बीच छात्रों और शिक्षकों के आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। यह पहल दोनों पक्षों के छात्रों और शिक्षकों को विविध अकादमिक वातावरण में सीखने, अपने पेशेवर कौशल को निखारने और सांस्कृतिक समझ को बढ़ाने का अवसर देगी। प्रो. शुक्ला ने यह भी बताया कि ष्वर्तमान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कई सहायक नीतियाँ लागू कर रहा है, जिनमें सुविधाजनक आवास व्यवस्था, छात्रवृत्तियाँ और नियमित सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं, ताकि विदेशी छात्र भारत में शिक्षा ग्रहण करते समय आसानी से अनुकूलन कर सकें और शैक्षणिक माहौल में घुल-मिल सकें।
 समझौते के तहत, तीन प्रमुख क्षेत्रों पर सहमति बनी
- छात्रों और शिक्षकों का आदान-प्रदान कार्यक्रम चलाना,
- संयुक्त डिग्री (दोहरी डिग्री) कार्यक्रमों का निर्माण करना,
- अनुसंधान परियोजनाओं में सहयोग को बढ़ावा देना।
ये सभी गतिविधियाँ दोनों विश्वविद्यालयों के बीच अकादमिक सहयोग को मजबूत करने और शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक होंगी।खासकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को स्मार्ट एग्रीकल्चर आईटी बायोटेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इत्यादि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेष सहयोग प्राप्त होगा।दोनों विश्वविद्यालयों ने इस बात पर सैद्धांतिक सहमति दी के पारस्परिक रूप से तीन-तीन महीने के लिए दोनों विश्वविद्यालय के शिक्षक एक दूसरे के विश्वविद्यालय में जाएंगे और शिक्षण कार्य कर सकेंगे।

हो ची मिन्ह सिटी ओपन यूनिवर्सिटी, वियतनाम सरकार के शिक्षा एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के अधीनस्थ एक बहुविषयी सार्वजनिक विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 1990 में हुई थी। वर्तमान में विश्वविद्यालय में लगभग 32,000 छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं, जिनमें नियमित छात्र, स्नातकोत्तर विद्यार्थी एवं शोधार्थी शामिल हैं।

इस दौरान चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रो. एमके. गुप्ता (प्रो-वाइस चांसलर), प्रो. बीरपाल सिंह (डायरेक्टर रिसर्च), एवं प्रो. जितेन्द्र सिंह सहित दोनों विश्वविद्यालयों के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। ये एमओयू विश्वविद्यालय के छात्रों और संकाय के लिए वैश्विक अवसरों के नए द्वार खोलने वाला है। गत वर्ष भारत के प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी और वियतनाम के प्रधानमंत्री के बीच द्विपक्षीय संवाद में शिक्षा, कृषि, डिजिटल नवाचार और वैज्ञानिक शोध के क्षेत्रों में सहयोग को प्राथमिकता दी गई थी। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की यह पहल उस राष्ट्रीय दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक साकार करती है।

वियतनाम गए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि मंडल में सम्मिलित शिक्षकों प्रोफेसर बीरपाल सिंह तथा प्रोफेसर जितेंद्र सिंह द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालय में विशेष स्थान रखने वाला पश्चिम उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ 9 संकायों, 37 विभागों और 136 शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ आधुनिक शिक्षा और उन्नत शोध का केंद्र है। विश्वविद्यालय की 29ः प्रकाशित शोधपत्र उच्च प्रभाव फैक्टर वाले अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में हैं, और यह QS ASIA, SCIMAGO, URAP, और WEBOMETRICS जैसे वैश्विक रैंकिंग सूचियों में अपनी मजबूत जगह बना चुका है।

यह एमओयू भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के अनुरूप है, जो भारत को पूर्वी एशिया के साथ शिक्षा, संस्कृति और नवाचार के व्यापक नेटवर्क से जोड़ने का उद्देश्य रखती है। इस नीति के तहत विश्वविद्यालय को वैश्विक मंच पर स्थापित करना, छात्रों और शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अवसर उपलब्ध कराना प्राथमिकता है।

कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इस दौरे और एमओयू के विषय में कहा कि यह समझौता चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के समर्थन से यह कदम हमें शिक्षा के वैश्विक मानकों को प्राप्त करने और नवाचार के लिए नए द्वार खोलने का अवसर प्रदान करता है। हमारा लक्ष्य है कि हमारे छात्र केवल देश में ही नहीं बल्कि विश्व के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में भी प्रतिस्पर्धा करें और नेतृत्व स्थापित करें। माननीय कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी की दूरदर्शिता और प्रेरणा इस पहल का मूल आधार रही है। वे सदैव इस बात पर जोर देती हैं कि विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाना आवश्यक है ताकि हमारे विद्यार्थी और शिक्षक दोनों ही वैश्विक स्तर पर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकें। इस समझौते से हमारे छात्रों को वियतनाम के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अध्ययन, शोध, और इंटर्नशिप के सुनहरे अवसर मिलेंगे। साथ ही, यह द्विपक्षीय सहयोग भारतीय और वियतनामी सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान को भी नई दिशा देगा। हमारा यह प्रयास भारत और वियतनाम के बीच शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने वाला है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय अब केवल एक क्षेत्रीय संस्था नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा केंद्र के रूप में उभर रहा है। हम शिक्षा को सीमाओं से परे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और यह डवन् उसी वैश्विक सोच और संकल्प का परिणाम है।

यह अंतरराष्ट्रीय पहल न केवल विश्वविद्यालय की वैश्विक उपस्थिति को सुदृढ़ करेगी, बल्कि छात्रों को बहुपक्षीय और अंतरसांस्कृतिक अनुभव प्रदान कर उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को भी बढ़ावा देगी। इसके साथ ही यह कदम भारत-वियतनाम के द्विपक्षीय संबंधों को शिक्षा, संस्कृति और नवाचार के क्षेत्र में और भी गहरा करेगा।

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