नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता की अध्यक्षता में एक दिवसीय सीएमई (CME) कार्यक्रम सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम को मेडिकल कॉलेज के बाल हृदय रोग (Pediatric Cardiology) विभाग द्वारा आयोजित किया गया।
इस एक दिवसीय सीएमई (CME) कार्यक्रम में देश भर के प्रमुख चिकित्सकों, बाल हृदय रोग विशेषज्ञों और मेडिकल छात्रों ने भाग लिया। इस अकादमिक संगोष्ठी में नवीनतम चिकित्सा दृष्टिकोणों पर संदर्भित चर्चा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य, विभागाध्यक्ष डॉ अनुपमा वर्मा आदि ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रातः सुबह 9:00 बजे विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से प्रस्तुत केस प्रेजेंटेशन (5 केस) के साथ हुआ। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. पी.पी.एस. चौहान, डॉ. आशु भसीन, डॉ. संजीव सक्सेना एवं डॉ. योगेश गोयल ने की। तत्पश्चात् फोर्टिस एस्कॉर्ट्स नई दिल्ली से आई प्रोफेसर अनीता सक्सेना ने "बाल हृदय रोग की नैदानिक दृष्टिकोण" विषय पर व्याख्यान दिया। इस सत्र के अध्यक्ष थे डॉ. विनीत सक्सेना, डॉ. एम.डी. शर्मा, डॉ. विवेक सक्सेना, और डॉ. वी.के. गर्ग।
इसके उपरांत एम्स दिल्ली के प्रोफेसर सौरभ गुप्ता ने "हृदय विफलता: प्रबंधन में नई दृष्टि" विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। इस सत्र की अध्यक्षता ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता, डॉ. अमित जैन, और डॉ. राहुल गुप्ता ने की। "बाल हृदय रोगी का प्रबंधन" विषय पर पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें डॉ. मुनेश तोमर ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई। पैनल में डॉ. अनीता सक्सेना, डॉ. एस. राधाकृष्णन, डॉ. अनुज रस्तोगी, और डॉ. विकास अग्रवाल शामिल रहे। इस चर्चा की अध्यक्षता डॉ. शिशिर जैन, डॉ. नवरत्न गुप्ता, और डॉ. अजय पुरी ने की। जिसके पश्चात उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ।
इसके पश्चात अमृता हॉस्पिटल फरीदाबाद से आए डॉ. एस. राधाकृष्णन ने "कैथेटर इंटरवेंशन की भूमिका" विषय पर प्रकाश डाला। इस सत्र के अध्यक्ष डॉ. मीरा जैन, डॉ. धीरेज सोनी और डॉ. अजय जैन रहे। सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली से डॉ. मृदुल अग्रवाल ने "दिल की धड़कन तेज या धीमी / अतालता प्रबंधन" पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. राकेश शर्मा और डॉ. राजीव प्रकाश ने की। सी एम ई में प्रस्तुति प्रतियोगिता और पोस्टर प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण हुआ, जिसमें डॉ. अभिषेक, डॉ. अनुपमा, डॉ. आशु और डॉ. प्रियांका ने भूमिका निभाई।
“PPHN: टियर-II शहरों के लिए प्रबंधन रणनीति" विषय पर एक और पैनल चर्चा हुई, जिसमें डॉ. मुनेश तोमर ने पुनः मॉडरेटर के रूप में भूमिका निभाई। पैनल में डॉ. अमित उपाध्याय, प्रो. एस.एन. सिंह, डॉ. मुआज़ किदवई, और डॉ. मृदुल अग्रवाल शामिल थे। सत्र के अध्यक्ष डॉ. आर.एन. द्विवेदी, डॉ. परमवीर सिंह, डॉ. डी.एम. गुप्ता, और डॉ. रुचिरा गुप्ता रहे। अलीगढ़ मेडिकल यूनिवर्सिटी से डॉ. शाद अबकारी ने "बाल उच्च रक्तचाप: एक पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट की दृष्टि" पर प्रस्तुति दी। अध्यक्ष थे डॉ. डी.के. भगवानी, डॉ. तल्हा खान, और डॉ. मनीष अग्रवाल।
सी एम ई के अंतिम सत्र में "कावासाकी डिजीज: नवीनतम अद्यतन" विषय पर पैनल चर्चा हुई, जिसकी मॉडरेशन डॉ. अभिनव अग्रवाल ने की। पैनल में डॉ. शरद जैन, डॉ. अर्पिता मिश्रा, डॉ. भरत सुखीजा, और डॉ. शाद अबकारी शामिल रहे। अध्यक्ष थे डॉ. संजय निरंजन, डॉ. विजय जायसवाल, और डॉ. अंशुमन श्रीवास्तव। कार्यक्रम का समापन डॉ. अर्पिता एवं डॉ. आकांक्षा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अतिथि वक्ताओं, अध्यक्षों, आयोजकों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया।
यह सीएमई न केवल अकादमिक रूप से समृद्ध रही, बल्कि विभिन्न संस्थानों के बीच सहयोग को भी प्रोत्साहित करने में सफल रही। संगोष्ठी के सफल संचालन में यूजी छात्रों का भी सराहनीय सहयोग रहा, जिनमें प्रमुख रूप से सिद्धार्थ, अमोल, आदित्य, प्रवीण, हिमांशी और कली ने सक्रिय योगदान दिया। इस आयोजन ने न केवल शैक्षणिक ज्ञानवर्धन किया, बल्कि बाल रोग चिकित्सा में कार्यरत विभिन्न चिकित्सकों को एक साझा मंच भी प्रदान किया।
इस कार्यक्रम की आयोजन समिति में
डॉ. आर.सी. गुप्ता – प्राचार्य
डॉ. मुनेश तोमर – अध्यक्ष एवं कोर्स आयोजक
डॉ. विनीत सक्सेना – समन्वयक
डॉ. अनुपमा वर्मा – समन्वयक
डॉ. आकांक्षा अग्रवाल – सचिव
डॉ. अमित उपाध्याय – मेरठ IAP अध्यक्ष
डॉ. नवरतन गुप्ता – मेरठ IAP सचिव
डॉ. डी.एम. गुप्ता – UP AOP अध्यक्ष
डॉ. डी.के. भगवानी – UP AOP सचिव प्रमुख पदाधिकारियों की भूमिकाओं में रहे।
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