-सीसीएसयू के उर्दू विभाग में साप्ताहिक कार्यक्रम "अदबनुमा" के अंतर्गत "अहमद फ़राज़ की ग़ज़लिया शायरी" विषय पर ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। अहमद फ़राज़ की शायरी रूमानियत, एहतिजाज और अमन से भरी हुई है। अहमद फ़राज़ ने अपनी पूरी शायरी में शांति स्थापित करने की कोशिश की, जबकि उन्होंने किसी भी विचारधारा को नकारा और शायरी को शुद्ध शायरी ही रहने देने पर ज़ोर दिया। ये शब्द थे प्रसिद्ध आलोचक प्रोफ़ेसर सगीर अफ़राहीम के, जो आयुसा और उर्दू विभाग द्वारा आयोजित "अहमद फ़राज़ की ग़ज़लिया शायरी" विषय पर अपना अध्यक्षीय भाषण दे रहे थे।
कार्यक्रम की शुरुआत मुहम्मद नदीम ने पवित्र कुरान की तिलावत से की। अध्यक्षता प्रोफेसर सगीर अफराहीम ने की। प्रोफेसर रियाज अहमद [पूर्व उर्दू विभागाध्यक्ष, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू], डॉ. इफ्फत जकिया [उर्दू विभागाध्यक्ष, इस्माइल गर्ल्स नेशनल पीजी कॉलेज, मेरठ] ने अतिथि के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम में आयुसा की अध्यक्षा प्रोफेसर रेशमा परवीन [लखनऊ] भी उपस्थित रहीं। स्वागत अरीबा ने, संचालन विभाग की शोध छात्रा उज़मा सहर ने और धन्यवाद ज्ञापन मुहम्मद नदीम ने किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी ने कहा कि जब हम अहमद फ़राज़ की शायरी पढ़ेंगे, तो हमें पता चलेगा कि वह किस खूबसूरती से टूटे दिलों और भावनाओं को जोड़ते हैं। वह एक रूमानी शायर थे और उन्होंने अपनी शायरी के माध्यम से उस दौर की समस्याओं को भी दर्ज किया। डॉ. इफ़्फ़त ज़किया ने कहा कि अहमद फ़राज़ की शायरी अपनी तरह की अनूठी है। उन्होंने शायरी के ज़रिए दुनिया भर के लोगों को मोहब्बत का पैगाम दिया है। अहमद फ़राज़ की तमाम शायरी में ज़हनी स्तर पर रोमानियत के संकेत मिलते हैं। ये संकेत लोगों को लोगों से जोड़ते हैं और पूरी दुनिया में, खासकर शोषितों और वंचितों में इंसानियत को जगाते हैं। इस अवसर पर डॉ. अलका वशिष्ठ, श्रीमती सरताज जहाँ, मुहम्मद शमशाद और अन्य छात्र-छात्राएं कार्यक्रम से जुड़े रहे।
अहमद फ़राज़ ने लिखी उम्मीद भरी शायरी
अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रोफ़ेसर रेशमा परवीन ने कहा कि आज के कार्यक्रम में अहमद फ़राज़ की शायरी पर बहुत ही महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक चर्चा हुई। मैं सभी प्रतिभागियों और विशेष रूप से कार्यक्रम में शामिल सभी वक्ताओं का धन्यवाद करती हूँ, जिन्होंने अहमद फ़राज़ की शायरी और उनकी शायरी में निहित मानवीय करुणा, सामाजिक चिंतन और प्रेम को अपने लेखों में प्रस्तुत किया। अहमद फ़राज़ ने उम्मीद भरी शायरी लिखी है, जिससे पता चलता है कि उन्होंने अपनी शायरी के माध्यम से इंसान को कभी उम्मीद न छोड़ने का संदेश दिया है।
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